Old pension Vs New Pension scheme: ओल्ड पेंशन स्कीम लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है जो अब संसद में भी ओल्ड पेंशन स्कीम योजना को लेकर सभी पार्टियां तरह-तरह की बयान पेश कर रहे हैं ऐसे में आपको यह जानना चाहिए कि ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम में क्या अंतर है आईए इस पोस्ट को माध्यम से हम विस्तार से जानेंगे कि OPS Vs NPS क्या है।
ओल्ड पेंशन स्कीम योजना को भारत सरकार द्वारा 2004 में उसे न्यू पेंशन योजना में अंश दान कर दिया जिसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एनपीएस कहा जाता है लेकिन बहुत से राज्य फिर से पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं और कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने को तैयार हो गए हैं।
Old Pension Scheme
सियासी मामलों के चलते देश में एक बार पुरानी पेंशन योजना का मामला गरमा गया है क्योंकि देश के कई राज्यों में जो गैर भाजपाई राज्य हैं उन्होंने पुरानी पेंशन योजना वापस लेने के लिए आगाह किया है जिस पर आरबीआई ने एक रिपोर्ट जारी किया है कि इससे राजकोष को एक बड़ा जोखिम पैदा हो सकता है जिसके परिणाम स्वरूप गैर वित्तीय देनदारियों बढ़ती चली जाएगी इसके बाद फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश की पृष्ठभूमि प्रतीत होता है जिससे महंगाई भत्ते दिए से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाला नवीनतम राज्य बन जाएगा और जिससे आगे चलकर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा साथ में इसके पहले राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए ops लागू करने के लिए केंद्र सरकार और पेंशन फंड नियामक विकास प्राधिकरण को सूचित किया था पंजाब की सरकार ने भी 18 नवंबर 2022 को एक वह प्यार जारी करने की अधिसूचना जारी की थी इस समय अभी देश के सभी राज्यों में एनपीएस ही लागू है।
आरबीआई की चेतावनी
आरबीआई ने एक रिपोर्ट तैयार की है कि यदि ops लागू की जाती है तो ढेर सारी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं और राजकोषीय संसाधनों पर अधिक दबाव पर पड़ेगा जिससे राज्य सरकार की बचत पर नकारात्मक असर देखने को मिलेगा और वर्तमान खर्चों में भविष्य के लिए स्थगित करके राज्य आने वाले वर्षों के लिए बहुत बड़ा जोखिम उठा रहे हैं जिससे कि उनकी पेंशन की देनदारियों बढ़ती चली जाएंगी।
क्योंकि पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन भोगियों को सैलरी का 50% भाग पेंशन के रूप में दिया जाता है इसके उलट पेंशन राशि योजना अंशदाई जो 2004 से प्रभावी है। देश के महान अर्थशास्त्रियों ने उपवास पर चिंता जताते हुए यह कहा है कि यदि या लागू किया जाता है तो देश की आर्थिक स्थिति पर बहुत बड़ा असर देखने को मिलेगा जिससे देश आर्थिक संकट से घिर जाएगा।

जाने नई और पुरानी पेंशन में अंतर
आइए हम नई और पुरानी पेंशन के बारे में जानते हैं दोनों पेंशन में कुछ फायदे और नुकसान है सरकारी कर्मचारी की मांग पुरानी पेंशन योजना पर क्यों है क्या है पुरानी पेंशन योजना आइए विस्तार से जानते हैं पुरानी पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद उसकी सैलरी का 24:00 पेंशन के रूप में दी जाती है जिसकी आखिरी सैलरी महंगाई और बेसिक सैलरी के आंकड़ों के अनुसार तय की जाती है पुरानी पेंशन स्कीम योजना में वेतन में से पैसे नहीं काटा जाता था।
कर्मचारी को दी जाने वाली पेंशन का भुगतान सरकार ट्रेजरी के माध्यम से करती थी इसके अतिरिक्त पेंशन में स्कीम में दो लाख रुपए तक ग्रेच्युटी रकम भी देती थी यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को उसका पेंशन का लाभ मिलता था।
पुरानी पेंशन स्कीम में हर छह महीने बाद कर्मचारियों को दिए दिए जाने का भी प्रावधान था जब जब सरकार द्वारा वेतन आयोग लागू होता था उसी के अनुसार पेंशन भी दिया जाता था।
भारत सरकार द्वारा 2004 में ओल्ड पेंशन स्कीम योजना के स्थान पर न्यू पेंशन स्कीम लागू कर दिया जिसके तहत कर्मचारियों की सैलरी से 10 परसेंट की कटौती की जाती है जबकि पुरानी पेंशन योजना से कोई कटौती नहीं होती थी। नई पेंशन राशि कितनी मिलेगी इस पर कोई गारंटी नहीं है क्योंकि यहां पैसा एनपीएस द्वारा शेयर बाजार पर भुगतान किया जाता है किसके आधार पर शेयर लगाए जाते हैं जबकि पुरानी पेंशन योजना में ऐसी कोई प्रावधान नहीं था न्यू पेंशन योजना में सारा पैसा एक साथ दे दिया जाता है जैसा कि पुरानी पेंशन योजना में प्रत्येक माह पैसा दिया जाता था।
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पुरानी पेंशन और नई पेंशन योजना में क्या अंतर है?
nps और ops में प्रमुख अंतर यह है कि nps कोई गारंटी नहीं देता है जबकी ओल्ड पेंशन व्यक्ति के जीवन अहरक तक की पेंशन योजना की गारंटी देता है।
दोनों में से कौन सी टेंशन अच्छी है?
आरबीआई के अनुसार ओल्ड पेंशन योजना वित्तीय देनदारियां को बढ़ावा दे रही है जिससे कि उस पर आर्थिक संकट का बोझ बढ़ जाएगा जबकि नई पेंशन योजना स्टॉक मार्केट के अधीन है सरकार पर इसका कोई दबाव नहीं पड़ेगा।